अम्न का जो पैग़ाम सुनाने वाले हैं
गलियों गलियों आग लगाने वाले हैं
तुम ले जाओ नेज़ा खंजर और तलवार
हम मकतल में सर ले जाने वाले हैं
ज़ुल्म के काले बादल से डरना कैसा
ये मौसम तो आने जाने वाले हैं
बीमारों का अब तो खुदा ही हाफिज़ है
सारे मसीहा ज़हर पिलाने वाले हैं
जान बचाने वाले तो सब हैं लेकिन
अब कितने इमान बचाने वाले हैं
हम को उन वालियों की निसबत हासिल है
दश्त को जो गुल्ज़ार बनाने वाले हैं
भूखा रह के साइल को खैरात जो दे
हम भी माजिद उसी घराने वाले हैं
--माजिद दियोबंदी
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