Sunday, April 5, 2009

ज़िन्दगी तूने मुझे कब्र से भी कम दी है ज़मीन

ज़िन्दगी तूने मुझे कब्र से भी कम दी है ज़मीन
पांव फैलाऊँ तो दीवार से सर लगता है
--बशीर बद्र

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