Monday, April 6, 2009

अब तो ये भी याद नहीं, फर्क था कितना दोनो में

अब तो ये भी याद नहीं, फर्क था कितना दोनो में
उसकी बातें याद रही, उसका लहज़ा भूल गया
--मुमताज़ रशिद

No comments:

Post a Comment