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Friday, March 21, 2014

तनहा तनहा मत सोचा कर..

तनहा तनहा मत सोचा कर..
मर जायेगा मर जायेगा.. मत सोचा कर..

प्यार घड़ी भर का ही बहुत है..
झूठा.. सच्चा.. मत सोचा कर...

जिसकी फ़ितरत ही डंसना हो..
वो तो डसेगा मत सोचा कर..

धूप में तनहा कर जाता
क्यूँ यह साया मत सोचा कर..

अपना आप गवाँ कर तूने,
पाया है क्या मत सोचा कर

राह कठिन और धूप कड़ी है
कौन आयेगा मत सोचा कर..

ख्वाब, हकीकत या अफसाना
क्या है दुनिया मत सोचा कर

मूँद ले आँखें और चले चल....
मंज़िल रास्ता.. मत सोचा कर

दुनिया के गम साथ हैं..तेरे
खुद को तनहा, मत सोचा कर

जीना, दूभर हो जायेगा
जानां, इतना मत सोचा कर

मान मेरे शहजाद वगरना
पछताएगा मत सोचा कर...


-फरहत शहजाद

Sunday, December 27, 2009

जान-ओ-दिल से मैं हारता ही रहूँ

जान-ओ-दिल से मैं हारता ही रहूँ
गर तेरी जीत मेंरी हार में है।
क्या हुआ गर खुशी नहीं बस में
मुसकुराना तो इख़्तियार में है।
–-फरहत शहजाद


इख़्तियार = Choice, Control, Influence, Option, Right