Showing posts with label मुमताज़ रशिद. Show all posts
Showing posts with label मुमताज़ रशिद. Show all posts

Saturday, May 9, 2009

ला पिला दे साकिया पैमाना पैमाने के बाद

ला पिला दे साकिया पैमाना पैमाने के बाद
होश की बातें करूंगा, होश में आने के बाद

दिल मेरा लेने की खातिर, मिन्नतें क्या क्या न कीं
कैसे नज़रें फेर लीं, मतलब निकल जाने के बाद

वक्त सारी ज़िन्दगी में, दो ही गुज़रे हैं कठिन
इक तेरे आने से पहले, इक तेरे जाने के बाद

सुर्ख रूह होता है इंसां, ठोकरें खाने के बाद
रंग लाती है हिना, पत्थर पे पिस जाने के बाद

--मुमताज़ रशिद

This gazal has been sung by Pankaj Udaas.
Audio is available here

Tuesday, April 28, 2009

वक्त सारी ज़िन्दगी में, दो ही गुज़रे हैं कठिन

वक्त सारी ज़िन्दगी में, दो ही गुज़रे हैं कठिन
एक तेरे आने से पहले, एक तेरे जाने के बाद
--मुमताज़ रशिद

Monday, April 6, 2009

अब तो ये भी याद नहीं, फर्क था कितना दोनो में

अब तो ये भी याद नहीं, फर्क था कितना दोनो में
उसकी बातें याद रही, उसका लहज़ा भूल गया
--मुमताज़ रशिद