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Sunday, August 27, 2023

तुझमें ही कहीं रब रहता है

तेरा साथ मेरे हाथ में जब रहता है 
मानो मेरे कदमों मे सब रहता है 
 तू रूठे तो खुदा रूठे मुझसे 
यानी तुझमे ही कहीं रब रहता है 

 https://www.youtube.com/shorts/VdxxlDNLDlI

Tuesday, August 15, 2023

मैं लड़का था मुझे मुस्कुराना पड़ा

मेरे कुछ ख्वाबों को मुझे जलाना पड़ा, कुछ ख्वाहिशों को भीतर दबाना पड़ा, भरी थी आँखे मगर किसको फ़िकर थी, मैं लड़का था मुझे मुस्कुराना पड़ा --Unknown

Wednesday, November 9, 2022

चांदी सोना एक तरफ

चांदी सोना एक तरफ
तेरा होना एक तरफ
एक तरफ तेरी आखें
जादू टोना एक तरफ

Monday, October 31, 2022

नीयत-ए-शौक भर ना जाए कहीं

नीयत-ए-शौक भर ना जाए कहीं
तू भी दिल से उतर ना जाए कहीं
आज देखा है तुझ को देर के बाद
आज का दिन गुज़र ना जाए कहीं

--अज्ञात 

Tuesday, February 23, 2021

अब सबके बाद आते हो

मतलब ये के भूला नहीं हूं
ये भी नहीं के याद आते हो

पहले सबसे पहले आते थे तुम
अब सबके बाद आते हो ।

अज्ञात

Monday, June 15, 2020

तुझे मेरी ज़रूरत है, मुझे तेरी ज़रूरत है

कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है,
लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खूबसूरत है,
ज़माना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर ये है,
तुझे मेरी ज़रूरत है, मुझे तेरी ज़रूरत है

अज्ञात 

Sunday, July 2, 2017

सफ़र जारी रखो

आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो!
जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो!!
राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें!
रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो!!

--अज्ञात

Wednesday, October 1, 2014

जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की,

जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की, 
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना  है ,

           पर  जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे
               वो ऊंचाई  किस  काम  की!!

--जावेद अख्तर

Thursday, May 29, 2014

वही रंजिशें रहीं वही हसरतें रहीं

वही रंजिशें रहीं वही हसरतें रहीं
न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई
बड़ी अजीब सी है ज़िन्दगी हमारी
न गुज़र सकी; न ख़त्म हुई

--अज्ञात

Tuesday, April 22, 2014

मतलब परस्ती या मासूमियत

मतलब परस्ती या मासूमियत
खुदा जाने !!!!
हमने कहा मोहब्बत है
कहने लगे .... क्या मतलब ??

--अज्ञात

Friday, April 11, 2014

किसी भी गम के सहारे नहीं गुज़रती है

किसी भी गम के सहारे नहीं गुज़रती है
ये ज़िन्दगी तो गुज़ारे नहीं गुज़रती है

मैं ज़िन्दगी तो कहीं भी गुज़ार सकता हूँ
मगर बगैर तुम्हारे नहीं गुज़रती है

--अज्ञात

Saturday, April 5, 2014

बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं

बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं
कुछ ख्वाब मेरे ऐन जवानी में मरे हैं

क़ब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं

--अज्ञात

Wednesday, February 26, 2014

कुज सानू मरण दा शौक वी सी

कुज उंज वी राहवां औखियाँ सन
कुज गल्ल विच गम दा तौख वी सी

कुज शहर दे लोक वी ज़ालिम सन
कुज सानू मरण दा शौक वी सी

अज़ीम मुनीर नियाज़ी

Thursday, February 6, 2014

कोई हल है न कोई जवाब है

कोई हल है न कोई जवाब है
ये सवाल कैसा सवाल है
जिसे भूल जाने का हुक्म है
उसे भूल जाना मुहाल है

--अज्ञात

Wednesday, January 29, 2014

एक दिल है के रहता है तरफदार उसी का

जाते थे मेरे हक़ में सब ही फैसले मगर
मुनसिफ ने भी हर बार दिया साथ उसी का

एक वो है के यूँ तोड़ दिए रिश्ते सभी हमसे
एक दिल है के रहता है तरफदार उसी का

--अज्ञात

Thursday, January 16, 2014

वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं

वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं
कौन दुःख झेले आजमाए कौन

आज फिर दिल है कुछ उदास उदास
देखिये आज याद आये कौन

जावेद अख्तर

Thursday, January 2, 2014

वो अपना भी नहीं पराया भी नहीं

वो अपना भी नहीं पराया भी नहीं
ये कैसी धूप है जिसका साया भी नहीं
किसी को चाहा ज़िन्दगी की तरह
उससे दूर भी रहे और भुलाया भी नहीं

--अज्ञात

Friday, November 29, 2013

मै तुझे मिल जो गया हूँ..

उसके दर पर जो गया हूँ,
बावला सा हो गया हूँ..

तू न समझेगी मुझे अब,
मै तुझे मिल जो गया हूँ...

.....रजनीश सचान

Tuesday, November 5, 2013

पढ़ने वाले भी लेकिन बच्चे नही है

हाँ किरदार कहानी के सच्चे नही है
पढ़ने वाले भी लेकिन बच्चे नही है

जिसके दामन पे लगे वही जानता है
दाग कैसे भी लगे, अच्छे नही है

--अमोल सरोज

Sunday, October 6, 2013

इश्क अब वो झूठ है, जो बहुत बोलता हूँ मैं

मैंने गम-ए-हयात में तुझको भुला दिया
हुस्न-ए-वफ़ा शायर बहुत बेवफा हूँ मैं

इश्क एक सच था तुझसे जो बोला नहीं कभी
इश्क अब वो झूठ है, जो बहुत बोलता हूँ मैं

--जौन इलिया