Sunday, April 19, 2009

उस शक्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाये

उस शक्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाये
जिसको कभी रोते हुए देखा न किसी ने
--अज्ञात

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