Friday, April 17, 2009

उसे बारिशों ने चुरा लिया के वो बादलों का मकीन था

उसे बारिशों ने चुरा लिया के वो बादलों का मकीन था
कभी मुड़ कर ये भी तु देखता के मेरा वजूद ज़मीन था

बस यही इक सच थ और उसके बाद सारी तोहमतें झूठ हैं
मेरे दिल को पूरा यकीन है, वो मुहब्बतों का आमीन था

उसे शौक था के किसी जज़ीरे पे उसके नाम का फूल हो
मुझे प्यार करना सिखा गया, मेरा दोस्त कितना ज़हीन था

कभी साहिलों पे फिरेंगें तो उसे सीपियां ही बतायेंगी
मेरी आंख में जो सिमट गया, वो ही अश्क सब से हसीन था

--अज्ञात

मकीन=Resident/Tenant

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