Saturday, April 4, 2009

ये ज़मीन की फितरत है, के हर चीज़ को जज़्ब कर लेती है फराज़

ये ज़मीन की फितरत है, के हर चीज़ को जज़्ब कर लेती है फराज़
वरना मेरे आंसुओं का एक अलग समंदर होता
--अहमद फराज़

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