Friday, April 24, 2009

कुसूर नहीं इसमें कुछ भी तुम्हारा फराज़

कुसूर नहीं इसमें कुछ भी तुम्हारा फराज़
हमारी चाहत ही इतनी थी, कि तुम्हें गुरूर हो गया
--अहमद फराज़

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