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Tuesday, July 20, 2010

ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी

तेरी बेवफाई का शिकवा करूँ तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी

भरी बज़्म में तुझको रुसवा करूँ तो
ये मेरी शराफत की तौहीन होगी
तेरी बेवफाई का शिकवा करू तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी

न महफ़िल में होंगी, न मेले में होंगी
ये आपस की बातें अकेले में होंगी
मैं लोगो से तेरी शिकायत करूँ तो
ये मेरी शिकायत की तौहीन होंगी

तेरी बेवफाई का शिकवा करू तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी

सुना है तेरा और भी इक बलम है
मगर गम न कर तुझको मेरी कसम है
तुझे बेशरम बेमुरव्वत कहूँ तो
ये मेरी मुरव्वत की तौहीन होगी

तेरी बेवफाई का शिकवा करू तो
ये मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी

--शहजाद साहिब