Monday, April 20, 2009

किन लव्ज़ों में इतनी कड़वी, इतनी कसीली बात लिखूं

किन लव्ज़ों में इतनी कड़वी, इतनी कसैली बात लिखूं
शेर की मैं तहज़ीब निभाऊँ या अपने हालात लिखूं
--जावेद अख्तर

No comments:

Post a Comment