Sunday, April 5, 2009

रहता सुखन से नाम क़यामत तलक ए ज़ौक

रहता सुखन से नाम क़यामत तलक ए ज़ौक
औलाद से तो क्या, येही दो पुश्त, चार पुश्त
-- ज़ौक

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