Sunday, April 12, 2009

यूँ तर्क-ए-मोहब्बत तेरा ईमान हो शायद

यूँ तर्क-ए-मोहब्बत तेरा ईमान हो शायद
तेरे सीने में भी कोई तूफान हो शायद
मत मुझे आज़मा इतना के दम निकल जाये
मेरे वजूद में तेरी भी जान हो शायद
--अज्ञात

No comments:

Post a Comment