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Monday, August 9, 2010

हम से कुछ लोग मोहब्बत का चलन रखते हैं

हंस के मिलते हैं भले दिल में चुभन रखते हैं
हम से कुछ लोग मोहब्बत का चलन रखते हैं

पाँव थकने का तो मुमकिन है मुदावा लेकिन
लोग पैरों में नहीं मन में थकन रखते हैं
[मुदावा=Cure]

ठीक हो जाओगे कहते हुए मुंह फेर लिया
हाय! क्या खूब वो बीमार का मन रखते हैं

दौर-ए-पस्ती है सबा! वरना तुझे बतलाते;
अपनी परवाज़ में हम कितने गगन रखते हैं
पस्ती=Lowest Point


हम तो हालात के पथराव को सह लेंगे नसीम
बात उनकी है जो शीशे का बदन रखते हैं

--मंगल नसीम