Thursday, April 9, 2009

तुम्हारी प्यास का अंदाज़ भी अलग है फराज़

तुम्हारी प्यास का अंदाज़ भी अलग है फराज़
कभी दरियाओं को ठुकराते हो, कभी आंसू तक पी जाते हो
--अहमद फ़राज़

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