Showing posts with label favorite. Show all posts
Showing posts with label favorite. Show all posts

Sunday, September 14, 2025

माना तेरी दीद के काबिल नहीं हूँ मैं

माना तेरी दीद  के काबिल नहीं हूँ मैं 

तू मेरा शौक तो देख, मेरा इंतज़ार तो देख 

--अज्ञात 

Monday, February 24, 2025

खामोशी की तह में, छुपा लीजिए सारी उलझनें

खामोशी की तह में, छुपा  लीजिए सारी उलझनें 

शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता 

Monday, February 19, 2024

कुछ भी नहीं है ख़ास इन दिनों

कुछ भी नहीं है ख़ास इन दिनों 
तू जो नहीं है पास इन दिनों 

अज्ञात 

Monday, October 31, 2022

नीयत-ए-शौक भर ना जाए कहीं

नीयत-ए-शौक भर ना जाए कहीं
तू भी दिल से उतर ना जाए कहीं
आज देखा है तुझ को देर के बाद
आज का दिन गुज़र ना जाए कहीं

--अज्ञात 

कर रहा था ग़म-ए-जहां का हिसाब

कर रहा था ग़म-ए-जहां का हिसाब
आज तुम याद बेहिसाब आये

फैज़ अहमद फैज़ 

Sunday, October 16, 2022

अगर वो पूछ ले हमसे

अगर वो पूछ लें हमसे, कहो किस बात का गम है।
तो फिर किस बात का गम हो, अगर वो पूछ लें हमसे।।

अगर वो पूछ लें हमसे, कहाँ रहते हो शामों में।
तो शामों में कहाँ हम हों, अगर वो पूछ लें हमसे।।

मलाल-ए-इश्क़ इतना है, सवालों की गिरह में हूँ ।
जो तुम पूछो- जवाबें दूँ, जो न पूछो- किसे कह दूँ !

मुनासिब है न मुंह खोलो, न पूछो और न कुछ जानो। 
पर उस निगाह का क्या हो, जिरह करती है जो हमसे।।

गुल-ए-गुलज़ार हो तुम, हर हवा का रुख तुम्ही पर है।
मगर झूमो तो यूँ झूमो, जो टूटो - पास आ जाओ।।

मैं ही बता देता, पर डर है - है किस्सा मोहब्बत का,
कि अंत आगाज़ का जब हो, आगाज़ अंत का न हो।।

Wednesday, December 1, 2021

दौलत ए हुस्न

अब समझा मैं तेरे रुखसार पे तिल का मतलब

दौलत-ए-हुस्न पे दरबान बिठा रखा है

कमर मुरादाबादी

Saturday, July 3, 2021

ये दिया भी जला के देख लिया

ज़ख़्म-ए-दिल भी दिखा के देख लिया 
बस तुम्हें आज़मा के देख लिया 

दाग़-ए-दिल से भी रौशनी न मिली 
ये दिया भी जला के देख लिया 

शिकवे मिटते हैं क्यूँकर आप से आप 
सामने उन के जा के देख लिया 

मुज़्दा ऐ हसरत-ए-दिल-ए-पुर-शौक़ 
उस ने फिर मुस्कुरा के देख लिया 

आबरू और भी हुई पानी 
अश्क-ए-हसरत बहा के देख लिया 

तर्क-ए-उल्फ़त के सुन लिए इल्ज़ाम 
राज़-ए-दिल को छुपा के देख लिया 

जो न देखा था आज तक हम ने 
दिल की बातों में आ के देख लिया 

कोई अपना नहीं यहाँ ऐ 'अर्श' 
सब को अपना बना के देख लिया

अर्श मलसियानी

Wednesday, May 12, 2021

ना नीम ना हकीम, ना किसी आलिम से हल होंगे

ना नीम, ना हकीम, ना किसी आलिम से हल होंगे
ये तो मेरे दिल के मसले हैं, उसी ज़ालिम से हल होंगे
--अज्ञात

Friday, April 30, 2021

Prescription है पर दवा नहीं है

कोई किस्त है जो अदा नहीं है
साँस बाकी है और हवा नहीं है

नसीहतें, सलाहें, हिदायतें तमाम
प्रिस्क्रिप्शन हैं पर दवा नहीं है

आँख भी ढक लीजिये संग मुँह के
मंजर सचमुच अच्छा नहीं है

हरेक शामिल है इस गुनाह में
कुसूर किसका है पता नहीं है।

Sunday, January 31, 2021

आगे मुकद्दर आपका है

जलते घर को देखने वालों
भूस का छप्पर आपका है
आग के पीछे तेज़ हवा
आगे मुकद्दर आपका है

उसके क़त्ल पर मैं भी चुप था
मेरी बारी अब आई
मेरे क़त्ल पर आप भी चुप हो 
अगला नंबर आपका है

नवाज़ देवबंदी

Monday, June 15, 2020

तुझे मेरी ज़रूरत है, मुझे तेरी ज़रूरत है

कोई पत्थर की मूरत है, किसी पत्थर में मूरत है,
लो हमने देख ली दुनिया, जो इतनी खूबसूरत है,
ज़माना अपनी समझे पर मुझे अपनी खबर ये है,
तुझे मेरी ज़रूरत है, मुझे तेरी ज़रूरत है

अज्ञात 

Saturday, June 6, 2020

पनाहों में जो आया हो फिर उस पर वार क्या करना

पनाहो में जो आया हो फिर उसपर वार क्या करना
जो दिल हारा हो उसप फिर अधिकार क्या करना
मोहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में है
हो मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना

Source: tiktok @praveenvarvariya01

Saturday, December 14, 2019

समझने लगे वो हमें खास यूं ही

बड़ा खुशनुमा है ये एहसास यूं ही
वो आने लगे हैं ज़रा पास यूं ही

ये हर बात पे मशवरा क्यों है गोया
 समझने लगे वो हमें खास यूं ही

यूं गैरों से मिलना न मसला बड़ा है
मगर चुभ रही है ये इक फांस यूं ही

है हिजरत की बातें न जाने ये कैसी
उखड़ने लगी है मेरी सांस यूं ही

समझ लें इशारे वो ख़ुद इस ग़ज़ल में
लगाए हुए है ये दिल आस यूं ही

आशीष प्रकाश

Saturday, November 16, 2019

मारूफियत में आती है बेहद तुम्हारी याद

ये कैसा नशा है

ये कैसा नशा है मैं किस अजब ख़ुमार में हूँ
तू आ के जा भी चुका है मैं इंतिज़ार में हूँ

कुछ किस्से कहूं

सोचता हूं ना सोचूं तुझे

सोचता हूँ न सोचूँ तुझे...

पर ये भी सोचना, सोचने से कम है क्या..?

नादानी और तजुर्बे का बटवारा हो रहा है

हलके हलके बढ रही है चेहरे की लकीरें..

नादानी और तजुर्बे का बटवारा हो रहा है..!!

Thursday, October 24, 2019

बहुत छाले हैं उसके पैरों में कमबख्त

बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त...
ज़रूर उसूलों पे चला होगा