मुसीबतों का पुलिंदा है इश्क,
मुसीबतों से ही जिंदा है इश्क..
ज़माने वालो हवाएं थामो,
हवा में उड़ता परिंदा है इश्क..
न जीने देता, न मरने देता,
अजीब वहशी दरिंदा है इश्क...
.....रजनीश सचान
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Friday, November 29, 2013
मुसीबतों का पुलिंदा है इश्क,
मै तुझे मिल जो गया हूँ..
उसके दर पर जो गया हूँ,
बावला सा हो गया हूँ..
तू न समझेगी मुझे अब,
मै तुझे मिल जो गया हूँ...
.....रजनीश सचान
उससे जीतूँ भी तो हारा जाए ,
उससे जीतूँ भी तो हारा जाए ,
चैन जाए तो हमारा जाए ...
मैं भी तनहा हूँ खुदा भी तनहा,
वक़्त कुछ साथ गुज़ारा जाए ...
उसकी आवाज़ है आयत का सुकूँ,
उसकी हर बात पे वारा जाए ...
चाहे जितनी भी हसीं हो वो गली,
उसपे लानत जो दोबारा जाए ...
दिल जला है तो जिगर फूंक अपना,
दर्द को दर्द से मारा जाए ...
रूह घुट-घुट के न मर जाए कहीं,
अब तो ये जिस्म उतारा जाए ....
.....रजनीश सचान
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