Sunday, April 5, 2009

कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी

कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी, के चैन से जीने की सूरत ना हुई
जिसको चाहा उसको अपना ना सके, जो मिला उस से मोहब्बत ना हुई
--निदा फ़ाज़ली

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