Sunday, April 5, 2009

ग़ालिब न कर हुज़ूर में तू बार बार अर्ज़

ग़ालिब न कर हुज़ूर में तू बार बार अर्ज़
ज़ाहिर है तेरा हाल सब उन पर कहे बगैर
--मिरज़ा ग़ालिब

1 comment:

  1. काम उससे आ पडा है के जिसका जहान में
    लेवे न कोई नाम सितमगर कहे बगैर

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