फूल सा कुछ कलाम और सही
एक गज़ल उसके नाम और सही
उसकी जुल्फें बहुत घनेरी हैं
एक शब का कयाम और सही
(कयाम=stay)
ज़िंदगी के उदास किस्से हैं
एक लड़की का नाम और सही
करसियों को सुनाइये गज़लें
क़त्ल की एक शाम और सही
कपकपाती है रात सीने में
ज़हर का एक जाम और सही
--बशीर बद्र
http://aligarians.com/2007/05/phuul-saa-kuch-kalaam-aur-sahii/
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