हमें कोई गम न था, गम-ए-आशिकी से पहले
न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से पहले
ये है मेरी बदनसीबी, तेरा क्या कुसूर इसमें
तेरे गम ने मार डाला, मुझे जिंदगी से पहले
मेरा प्यार जल रहा है, ए चाँद आज छुप जा
कभी प्यार कर हमें भी, तेरी चांदनी से पहले
ये अजीब इम्तेहान है, कि तुम्ही को भूलना है
मिले कब थे इस तरह हम, तुम्हे बेदिली से पहले
न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से पहले
--फैयाज़ हाशमी
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Saturday, November 19, 2011
न थी दुश्मनी किसी से, तेरी दोस्ती से पहले
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-Faiyaz Hashmi
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