Saturday, November 26, 2011

मुद्दत के बाद देखा उसे, बदला हुआ था वो

मुद्दत के बाद देखा उसे, बदला हुआ था वो
न जाने क्या हादसा हुआ, सहमा हुआ था वो

मुझे देख कर उसने चेहरा तो छुपा लिया
मगर आँखें बता रही थी के रोया हुआ था वो

उसकी आँखों में देख कर महसूस हुआ मुझे
मेरी तरह किसी सोच में डूबा हुआ था वो

उसकी सोने जैसी रंगत ज़र्द पड़ गयी थी
जैसे किसी के प्यार में जला हुआ था वो

कुर्बान जाऊ उस शक्स पर मैं
याद में जिसकी कोह्या हुआ था वो

--अज्ञात

1 comment:

  1. अच्छा लगा पढ़कर...जिसकी भी है.

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