Wednesday, July 1, 2009

रासता है कि कटता जाता है

रासता है कि कटता जाता है
फासला है कि कम नहीं होता
--काबिल अजमेरी

2 comments:

  1. wah wah qabil ajmeri ka ghazab ka shair hai wo shair jisko himayat ali shair jasay kameeny nay mar diya

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  2. हुम हे हैन फातह तेल्स्म खिर्द
    हुम कह गह्वराह जूनूह मै पलय

    हुम बदल्तय हैन रूख होअऊन का
    आये दुनिय हुमरय साथ चलय
    ...
    काबिल ज्मिरि

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