Sunday, July 12, 2009

अब मिलेंगें तो खूब रुलायेंगें

अब मिलेंगें तो खूब रुलायेंगें उस संगदिल को फ़राज़
सुना है रोते में उसे लिपट जाने कि आदत है
--अहमद फराज़

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