Tuesday, July 7, 2009

चाँद निकला था मगर रात ना थी पहली सी

चाँद निकला था मगर रात ना थी पहली सी

ये मुलाक़ात, मुलाक़ात ना थी पहली सी

रंज कुछ कम तो हुआ आज तेरे मिलने से

ये अलग बात है के वो बात ना थी पहली सी

--अज्ञात

1 comment:

  1. ये नासिर काज़मी का लिखा है !

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