Saturday, May 23, 2009

बिन मांगे ही मिल जाती हैं ताबीरें किसी को फ़राज़

बिन मांगे ही मिल जाती हैं ताबीरें किसी को फ़राज़
कोई खाली हाथ रह जाता है हज़ारों दुआओं के बाद
--अहमद फ़राज़

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