Saturday, May 2, 2009

चाँद के मिजाज़ भी तेरे जैसे हैं फराज़

चाँद के मिजाज़ भी तेरे जैसे हैं फराज़
जब देखने की तमन्ना होती है, तो नज़र नहीं आता
--अहमद फराज़

No comments:

Post a Comment