भीगती आंखों के ये मंज़र नहीं देखे जाते
हम से इतने समंदर नहीं देखे जाते
उससे मिलना है तो सदा मिजाज़ी से मिलो
आइने भेस बदल कर नहीं देखे जाते
ज़िन्दा रहना है तो हालात से समझौता कैसा
जंग लाज़िम हो तो लश्कर नहीं देखे जाते
संगसारी मेरा मुकद्दर है मगर
तेरे हाथ में पत्थर नहीं देखे जाते
--अज्ञात
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