Tuesday, May 26, 2009

वो मेरे आस पास था क्यूँ था

वो मेरे आस पास था क्यूँ था
और बेहद उदास था क्यूँ था

प्यास थी बेपनाह और मय थी
फ़िर भी खाली गिलास था क्यूँ था

ख्वाब ताबीर हो के आया था
और ये दिल उदास था क्यूँ था.

शोख रंगों का था जो दीवाना
आज सादा लिबास था क्यूँ था

वो उड़ाता था होश लोगों के
आज खुद बद-हवास था क्यूँ था

यूँ तो रिश्ता कोइ ना था लेकिन
मेरि खातिर वो खास था क्यूँ था

दीप्ति मिश्र

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