हमेशा पास रहते हैं मगर पल भर नहीं मिलते
बहुत चाहो जिन्हें दिल से, वही अक्सर नहीं मिलते
ज़रा ये तो बताओ तुम, हुनर कैसे दिखायें वो
यहाँ जिन बुत-तराशों को सही पत्थर नहीं मिलते
हमें ऐसा नहीं लगता यहां पर वार भी होगा
यहां के लोग हमसे तो कभी हंस कर नहीं मिलते
हमारी भी तमन्ना थी उड़ें आकाश में लेकिन
विवश हो कर यही सोचा, सभी को पर नहीं मिलते
गज़ब का खौफ छाया है, हुआ क्या हादसा यारो
घरों से आज कल बच्चे हमें बाहर नहीं मिलते
हकीकत में उन्हें पहचान अवसर की नहीं कुछ भी
जिन्होंने ये कहा अक्सर, हमें अवसर नहीं मिलते
--नित्यानंद तुशार
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