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There is a misconception that it is by FARAZ..Complete gazal is as follows:मुझ से मिलती हैं तो मिलती हैं चुरा कर आँखे फिर वो किसके लिए रखती है सज़ा कर आँखें में उन्हें देखता रहता हों जहाँ तक देखूंएक वो हैं के जो देखे ना उठा कर आँखें उस जगह आज भी बैठा हूँ अकेला यारोजिस जगह छोड़ गये थे वो मिला कर आँखें मुझ से नज़रें वो अक्सर चुरा लेता है सागरमैंने कागज़ पे भी देखी हैं बना कर आँखें
http://yogi-collection.blogspot.com/2010/03/blog-post_2928.html
There is a misconception that it is by FARAZ..
ReplyDeleteComplete gazal is as follows:
मुझ से मिलती हैं तो मिलती हैं चुरा कर आँखे
फिर वो किसके लिए रखती है सज़ा कर आँखें
में उन्हें देखता रहता हों जहाँ तक देखूं
एक वो हैं के जो देखे ना उठा कर आँखें
उस जगह आज भी बैठा हूँ अकेला यारो
जिस जगह छोड़ गये थे वो मिला कर आँखें
मुझ से नज़रें वो अक्सर चुरा लेता है सागर
मैंने कागज़ पे भी देखी हैं बना कर आँखें
http://yogi-collection.blogspot.com/2010/03/blog-post_2928.html
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