Sunday, November 29, 2009

दर्द के फूल खिलते हैं, बिखर जाते हैं

दर्द के फूल खिलते हैं, बिखर जाते हैं
ज़ख्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं

--जावेद अख्तर

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