Monday, November 2, 2009

नशा किसी के प्यार का है

नदी का शोर नहीं है ये आब शार का है
यहाँ से जो भी सफ़र है वो अब उतार का है

तमाम जिस्म को आँखे बना के राह तको,
तमाम खेल मोहब्बत में इंतज़ार का है

अभी शराब न देना मज़ा न आयेगा ,
अभी तो आंखों में नशा किसी के प्यार का है...

--मुनव्वर राणा


आबशार = Waterfall

Source : http://www.hindimedia.in/index.php?option=com_content&task=view&id=5107&Itemid=34

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