आँख में कोई सितारा हो, ये ज़रूरी तो नही
प्यार में कोई खासारा हो, ये ज़रूरी तो नही
ये हक़ीक़त है, के मुझे तुझ से मुहब्बत है
पर तेरे साथ गुज़ारा हो, ये ज़रूरी तो नही
ये दरीचे से जो फ़ूलों की महक आती है
तेरी आने का इशारा हो, ये ज़रूरी तो नही
डूबते वक़्त नज़र उस पे भी तो पड़ सकती है
सामने मेरे किनारा हो, ये ज़रूरी तो नही
कूम नही ये भी के शहर है हुमारा लेकिन,
शहर में कोई हमारा हो, ये ज़रूरी तो नहीं
हो सकता है, खता उस का, निशाना ए खुशी!
तीर उस ने मुझे मारा हो, यह ज़रूरी तो नही
--अज्ञात
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