Sunday, November 29, 2009

तोड़ना टूटे हुये दिल का बुरा होता है

तोड़ना टूटे हुये दिल का बुरा होता है
जिस का कोई नहीं उस का तो ख़ुदा होता है

माँग कर तुम से ख़ुशी लूँ मुझे मंज़ूर नहीं
किस का माँगी हुई दौलत सेभला होता है

लोग नाहक किसी मजबूर को कहते हैं बुरा
आदमी अच्छे हैं पर वक़्त बुरा होता है

क्यों मुनीर अपनी तबाही का ये कैसा शिकवा
जितना तक़दीर में लिखा है अदा होता है

--मुनीर नियाज़ी


Source : http://www.urdupoetry.com/mniazi12.html

1 comment: