तुम से करूँ मुहब्बत उसूल की बात है
तुम मेरे लिए सोचो फ़िज़ूल की बात है
रिश्ता नही है तुमसे गीतों का कोई मेरे
ख़ुश्बुओं के हक़ में इक फूल की बात है
सच की ही जीत होगी जानता था मैं भी
अब की नही मगर ये इस्कूल की बात है
मेरे नही हो लेकिन मिलता हूं मैं तुमसे
ये दुआ सलाम भी तो उसूल की बात है
किसी बेवफ़ा की बात नही मेरी शायरी में
आँखों में जो थी झोंकी धूल की बात है
पढ़ते भी हैं मुझको कहते भी हैं मुझसे
मासूम जी शायरी तो फ़िज़ूल की बात है
--अनिल पराशर
अरे अनिल भाई, क्या गज़ल कही है आपने
ReplyDeleteवैसे तो गज़ल के सभी शेर बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत है
मगर एक शेर तो हीरों में कोहिनूर है वो ये
सच की ही जीत होगी जानता था मैं भी
अब की नही मगर ये इस्कूल की बात है
Wah, kamal kee gajal.
ReplyDeleteबहुत प्यारी प्यारी बातें आपने बात ही बात में कह दीं।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत प्यारी प्यारी बातें आपने बात ही बात में कह दीं।
ReplyDeleteसच की ही जीत होगी जानता था मैं भी
ReplyDeleteअब की नही मगर ये इस्कूल की बात है
wah!lajawab