भ्रम तेरी वफाओं का मिटा देते तो क्या होता
तेरे चेहरे से हम परदा उठा देते तो क्या होता
मोहब्बत भी तिजारत हो गयी है इस ज़माने में
अगर ये राज़ दुनिया को बता देते तो क्या होता
तेरी उम्मीद पर जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन
अगर यूँ ही न दिल को आसरा देते तो क्या होता
--उमेमा
तेरी उम्मीद पर जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन
ReplyDeleteअगर यूँ ही न दिल को आसरा देते तो क्या होता
Bahut sunder.