Friday, September 25, 2009

भ्रम तेरी वफाओं का मिटा देते तो क्या होता

भ्रम तेरी वफाओं का मिटा देते तो क्या होता
तेरे चेहरे से हम परदा उठा देते तो क्या होता

मोहब्बत भी तिजारत हो गयी है इस ज़माने में
अगर ये राज़ दुनिया को बता देते तो क्या होता

तेरी उम्मीद पर जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन
अगर यूँ ही न दिल को आसरा देते तो क्या होता

--उमेमा

1 comment:

  1. तेरी उम्मीद पर जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन
    अगर यूँ ही न दिल को आसरा देते तो क्या होता
    Bahut sunder.

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