Tuesday, September 29, 2009

रोज़ किसी का इंतज़ार होता है

रोज़ किसी का इंतज़ार होता है
रोज़ ये दिल बेकरार होता है
कैसे समझायें इन दुनिया वालों को
कि चुप रहने वालों को भी प्यार होता है
--अज्ञात

1 comment:

  1. ये तो मानो हमारी बात हुई. :)

    बेहतरीन, जिसने भी लिखा हो.

    आपको विजयादशमी की बधाई!

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