Wednesday, March 31, 2010

दुआ का टूटा हुआ हर्फ़ सर्द आह में है

दुआ का टूटा हुआ हर्फ़ सर्द आह में है
तेरी जुदाई का मंज़र अभी निगाह में है

तेरे बदलने के बावजूद तुझको चाहा है
ये एतराफ भी शामिल मेरे गुनाह में है
[एतराफ=Admission/Confession]

अज़ाब देगा तो फिर मुझको ख्वाब भी देगा
मैं मुत्मईं हूँ, मेरा दिल तेरी पनाह में है
[मुत्मईं=Appeased, Quiescent]

जिसे बहार के मेहमान खाली छोड़ गए
वो एक मकान अभी तक मकीन की चाह में है
[मकीन=मकान में रहने वाले]

यही वो दिन थे जब एक दूसरे को पाया था
हमारी सालगिराह ठीक अब के माह में है

--अज्ञात

No comments:

Post a Comment