Sunday, June 28, 2009

कदम रुक से गये हैं फूल बिकते देख कर मेरे

कदम रुक से गये हैं फूल बिकते देख कर मेरे
मैं अक्सर उस से कहता था, मोहब्बत फूल होती है
--अज्ञात

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