Sunday, March 29, 2009

तुझे घाटा न होने देंगें कारोबार-ए-उल्फत में

तुझे घाटा ना होने देंगे कारोबार-ए-उल्फ़त में
हम अपने सर तेरा ऎ दोस्त हर नुक़सान लेते हैं
--फ़िराक़ गोरखपुरी

No comments:

Post a Comment