Sunday, March 29, 2009

दुश्मनी जम कर करो पर ये गुंजाइश रहे

दुश्मनी जम कर करो पर ये गुंजाइश रहे
जब भी हम दोस्त बनें तो शर्मिंदा न हों
--निदा फाज़ली

2 comments:

  1. i think this is from bashir badra ji......

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  2. It would be great if you can provide the source also.

    I'll update this.

    Thanks
    Yogesh

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