Friday, March 27, 2009

रात हो, दिन हो, गफलत हो के बेदारी हो

रात हो, दिन हो, गफलत हो के बेदारी हो
उसको देखा तो नहीं उसको सोचा है बहुत
--कृष्ण बिहारी नूर

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