Tuesday, August 24, 2010

मुझे दिल-फेक आशिक न समझना

हमेशा के लिए दर्ज हो जाये..ज़ेहन में ऐसा तो कोई नाम नहीं आता
दिल किसी न किसी पे तो आएगा इसे और कोई काम नहीं आता
सुनो मुझे दिल-फेक आशिक न समझना तुम बीमार हूँ मैं
क्या करूँ दवा कुछ देर में बदल देता हूँ गर आराम नहीं आता
--अभिषेक मिश्रा 

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