और तो कुछ भी पास निशानी तेरी
देखती रहती हूँ तस्वीर पुरानी तेरी
लड़कियां और भी मनसूब तेरे नाम से हैं
क्या कोई मेरी तरह भी है दीवानी तेरी
मैं अगर होंट भी सी लूं तो मेरी खामोशी
सारी दुनिया को सूना देगी कहानी तेरी
मेरे फूलों में महकता है पसीना तेरा
और हाथो में खनकती है जवानी तेरी
राजमहलों में कनीजों का रहा है कब्ज़ा
और जंगल में भटकती रही रानी तेरी
--अंजुम रहबर
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