Sunday, April 18, 2010

हस्ती के मेरे मानी कुछ तुझसे जुदा तो नहीं

हस्ती के मेरे मानी कुछ तुझसे जुदा तो नहीं
फिर क्यों गुरूर है, मैं गर नहीं तो, तू भी खुदा तो नहीं

--आलोक मेहता

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