तेरी बेरुखी और तेरी मेहरबानी
यही मौत है और यही जिंदगानी
वही इक फ़साना वही इक कहानी
जवानी जवानी जवानी जवानी
तेरी बेरुखी और तेरी मेहरबानी
यही मौत है यही जिंदगानी
लबो पर तबस्सुम तो आँखों में पानी
यही है यही दिल जलो की निशानी
बताऊँ है क्या आंसुओं की हकीक़त
जो समझो तो सब कुछ, न समझो तो पानी
--अज्ञात
जगजीत सिंह की आवज में सुनिए
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