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चाहे जितना मुंह से भी पुकारो मुझे जिंदगी हूँ तुम्हारी गुज़ारो मुझे अपने घर में हो चारों तरफ आईनेमैं संवारू तुम्हे तुम संवारो मुझे मैं तुम्हारी नज़र में तो इक खेल हूँचाहे जीतो मुझे चाहे हारो मुझे --अंजुम रहबर
चाहे जितना मुंह से भी पुकारो मुझे जिंदगी हूँ तुम्हारी गुज़ारो मुझे ..खूबसूरत शेर ... लाजवाब ...
Bahut Umda....Zindagi huN tumhari guzaaaro mujhe.....
चाहे जितना मुंह से भी पुकारो मुझे
ReplyDeleteजिंदगी हूँ तुम्हारी गुज़ारो मुझे ..
खूबसूरत शेर ... लाजवाब ...
Bahut Umda....
ReplyDeleteZindagi huN tumhari guzaaaro mujhe.....