कुछ शब्दों के अर्थ मालूम नहीं कर सका, अगर आपको पता हों तो बताइयेगा ज़रूर
हम से तस्खीर मुक़द्दर के सितारे ना हुये
ज़िंदगी आप थे, और आप हमारे ना हुये
फिर बताओ के भला किस पे सितम ढाओगे
शहर-ए-उलफत में अगर दर्द के मारे ना हुये
ज़र्द आँखों से मेरी हिज्र के मोती बरसे
ये भी क्या कम है मुहब्बत में ख़ासारे ना हुये
सच तो यह है के बिना उस के गुज़ारा जीवन!
ये भी सच है के बिना उस के गुज़ारे ना हुये
इस लिए अपना मिलन हो भी नही सकता था
एक दरिया के कभी दोनो किनारे ना हुये
टूट जाते हैं सभी प्यार के रिश्ते अमजद
कच्चे धागे तो किसी के भी सहारे ना हुये
--अमजद
ज़र्द=Yellow
तस्खीर=किसी को वश में करना
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